कोरोना वैक्सीन लेने के 9 दिन बाद वॉलंटियर की मौत, भारत बायोटेक ने दी सफाई

कोरोना वैक्सीन लेने के 9 दिन बाद वॉलंटियर की मौत, भारत बायोटेक ने दी सफाई

सेहतराग टीम

भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में 12 दिसंबर को कोवैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाने वाले 47 वर्षीय वॉलंटियर दीपक मरावी की 21 दिसंबर को मौत हो गई है। इसके बाद इसे लेकर हड़कंप मच गया। दीपक के परिवार ने कोविड वैक्सीन को लेकर सवाल उठाए हैं। वहीं इस पर भारत बायोटेक ने भी सफाई दी है और कहा कि ट्रायल के दौरान सभी औपचारिकताओं को सही से पूरा किया था और टीका लेने के अगले सात दिनों तक उसके सेहत पर निगरानी रखी गई थी।

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45 साल के दीपक मरावी मजदूरी करते थे और टीला जमालपुरा की सूबेदार कॉलोनी में किराये के इसी एक कमरे में तीन बच्चों के साथ रहते थे। दीपक ने कोरोना वैक्सीन ट्रायल में हिस्सा लिया था। पहले डोज के बाद ही तबीयत खराब हो गई और अस्पताल पहुंचने से पहले दीपक की मौत हो गई। दीपक अपने घर में मृत मिले थे। 22 दिसंबर को उनके शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट में शव में जहर मिलने की पुष्टि हुई है।

दीपक के 18 वर्षीय बेटे आकाश मरावी ने शुक्रवार को पिता की मौत की जानकारी दी। हालांकि, मौत कोवैक्सीन का टीका लगवाने से हुई या किसी अन्य कारण से इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद होगी। दीपक के शव का विसरा पुलिस को सौंप दिया गया है। पुलिस विसरे का कैमिकल एनालिसिस कराएगी। फिलहाल, पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।

आकाश ने बताया कि पिताजी दीपक मरावी को 19 दिसंबर को अचानक घबराहट, बैचेनी, जी मिचलाने के साथ उल्टियां होने लगी। लेकिन उन्होंने इसे सामान्य बीमारी समझकर उसका कहीं इलाज नहीं कराया। आकाश के मुताबिक, डोज लगवाने के बाद से पिता ने मजदूरी पर जाना बंद कर दिया था। पापा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे। पिताजी की सेहत 19 दिसंबर को बिगड़ी थी। अस्पताल चलने को कहा था, लेकिन वे नहीं माने। 21 दिसंबर को जब उनका निधन हुआ, तब वे घर में अकेले थे। मां काम से बाहर गई थी और छोटा भाई बाहर खेल रहा था। हमने मौत की सूचना उसी दिन पीपुल्स कॉलेज को भेज दी थी। अगले दिन सुभाष नगर विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया था।

आकाश ने बताया कि डोज लगवाने के बाद सेहत का हाल जानने अस्पताल से फोन आते रहे। 21 दिसंबर को पिताजी के निधन की जानकारी लेने पीपुल्स प्रबंधन से तीन बार फोन आए। लेकिन संस्थान से कोई भी मिलने नहीं आया। पिताजी भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित भी थे।

दूसरी डोज के लिए आया फोन

पीपुल्स मेडिकल कॉलेज की थर्ड फेज क्लीनिकल ट्रायल टीम ने शुक्रवार दोपहर को दीपक के मोबाइल फोन पर वैक्सीन के दूसरे डोज के लिए फोन किया। यह कॉल आकाश ने रिसीव किया। उन्होंने टीम को पिता के निधन की फिर से सूचना दी। इसके बाद एग्जीक्यूटिव ने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया।

भारत बायोटेक ने दी सफाई

भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार टीका 'कोवैक्सीन' के तीसरे ट्रायल के दौरान एक वॉलंटियर की मौत पर शनिवार को अपनी ओर से बयान जारी करते हुए कहा कि तीसरे चरण के परीक्षण में 21 दिसंबर, 2020 को पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर में एक वॉलंटियर की मौत हो गई थी। बायोटेक ने कहा, "रजिस्ट्रेशन के वक्त वॉलंटियर ने तीसरे चरण से जुड़ी सभी औपचारिकताओं को पूरा किया था और टीका लेने के अगले सात दिनों तक उसके सेहत पर निगरानी रखी गई थी। इस दौरान उसके साथ किसी भी तरह की कोई परेशानी सामने नहीं आई।" वैक्सीन निर्माता कंपनी ने आगे अपने बयान में कहा कि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह आशंका जताई गई है कि वॉलंटियर की मौत जहर की वजह से हुई है।

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